Login
Home
Current Affairs Quiz
Quiz
Mock Test
Syllabus
Login
Home
Syllabus
Quiz
Current Affairs
Mock Test
Mock Test: Mock Test 1 (Hindi Language)
Full Marks:
30
Time Duration:
30 minutes
Time Remaining:
(1.) पाठ्यक्रम कैसा होना चाहिए?
(A) छात्रा-केन्द्रित
(B) विद्यालय-केन्द्रित
(C) शिक्षक-केन्द्रित
(D) समास-केन्द्रित
(2.) 'सुनना' -कौशल के बारे में कौन-सा कथन उचित नहीं है?
(A) सुनना-कौशल अन्य कौशलों के विकास में सहायक है
(B) सुनना-कौशल का विकास भाषा के नियमों को पहचानने, उनका निर्माण करने में सहायक है
(C) सुनना-कौशल सबसे कम महत्त्वपूर्ण है
(D) सुनना-कौशल मौखिक-कौशल के अन्तर्गत आता है
(3.) निम्न में से शिक्षण प्रतिमान के/का तत्त्व ___________ है।
(A) लक्ष्य एवं उद्देश्य, उद्देश्य एवं संरचना एवं सामाजिक प्रणाली एवं मूल्यांकन
(B) केवल उद्देश्य एवं संरचना
(C) केवल सामाजिक प्रणाली एवं मूल्यांकन
(D) केवल लक्ष्य एवं उद्देश्य
(4.) देखो और लिखो शिक्षण विधि प्रयुक्त करते हैं?
(A) निबंध रचना में
(B) मौखिक रचना में
(C) शुद्ध अभिव्यक्ति में
(D) दिए गए सभी विकल्पों में
(5.) उद्देश्य, जिनका संबंध हमारे ज्ञान के पुनः स्मरण पहचान, बौद्धिक क्षमता एवं कौशल विकास से है,
(A) ज्ञानात्मक पक्ष
(B) भावात्मक पक्ष
(C) क्रियात्मक पक्ष
(D) किसी पक्ष से नहीं
(6.) उच्च प्राथमिक स्तर पर भाषा शिक्षण का मुख्य उद्देश्य निम्न में से क्या है?
(A) साहित्यिक विधाओं से परिचित कराना।
(B) व्याकरणिक नियम सिखाना।
(C) साहित्यिक विधाओं से परिचित कराना और व्याकरणिक नियम सिखाना।
(D) प्रसिद्ध गद्य निर्माताओं से परिचीत कराना।
(7.) निम्न में से व्याख्यान विधि में केंद्र बिंदु क्या होता है?
(A) छात्र
(B) छात्रा
(C) अध्यापक
(D) श्यामपट्ट
(8.) निम्न में से शिक्षण प्रक्रिया में मूल्यांकन _______________ के लिए आवश्यक है।
(A) शिक्षण कार्यों में सुधार के लिए
(B) छात्रों की उपलब्धि का स्तर जानने के लिए
(C) पाठ्यक्रम में सुधार के लिए
(D) शिक्षण कार्यों में सुधार, छात्रों की उपलब्धि का स्तर जानने एवं पाठ्यक्रम में सुधार के लिए
(9.) जब भाषा के अंतर्गत इसके कई अलग-अलग रूप विकसित हो जाते हैं, तो उन्हें कहते हैं
(A) अपभाषा
(B) मातृभाषा
(C) बोली
(D) प्रादेशिक भाषा
(10.) छह वर्षीया तूलिका बातचीत करते समय कभी-कभी अपनी मातृभाषा के शब्दों का प्रयोग करती है। वह किस ओर संकेत करता है?
(A) वह भाषा सीखने की प्रक्रिया में है।
(B) उसे केवल अपनी भाषा ही पसंद है।
(C) तूलिका को भाषा की बिल्कुल जानकारी नहीं है।
(D) उसका शब्द-भंडार बहुत कम है।
(11.) समावेशी शिक्षा के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य है?
(A) समावेशी शिक्षा पारंपरिक शिक्षा पद्धति का अनुसरण करती है
(B) समावेशी शिक्षा विशेष रूप से अशक्त बच्चों के लिए विशेष कक्षा की व्यवस्था करती है
(C) समावेशी शिक्षा विशेष विद्यालय या कक्षा को स्वीकार करता है
(D) समावेशी शिक्षा विशेष विद्यालय या कक्षा को स्वीकार नहीं करता है
(12.) 'कर्मधारय' और 'द्विगु' समास आते हैं:
(A) अव्ययीभाव समास के अंतर्गत
(B) बहुब्रीहि समास के अंतर्गत
(C) द्वंद्व समास के अंतर्गत
(D) तत्पुरुष समास के अंतर्गत
(13.) जिस विद्या द्वारा भाषा के शब्दों, उनके रूपों, प्रयोगों आदि का ज्ञान होता है- वह है :
(A) लिपिविज्ञान
(B) शैलीविज्ञान
(C) रूपविज्ञान
(D) व्याकरण
(14.) श्यामपट्ट को शिक्षण सामग्री के किस समूह के अंतर्गत शामिल किता जा सकता है-
(A) दृश्य साधन
(B) श्रव्य साधन
(C) दृश्य-श्रव्य साधन
(D) मध्यकालीन साधन
(15.) संबंध प्रतिक्रिया सिद्धांत का आधार है-
(A) प्रयास एवं त्रुटि को महत्व देना
(B) सीखना एक अनुकूलित अनुक्रिया है
(C) सीखना परिवर्तन है
(D) सीखना खोज करना है
(16.) Passage:
निर्देशः काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नो के सबसे उचित उत्तर वाले विकल्प का चयन कीजिए-
मेघ आए बड़े बन ठन के सँवर के।
आगे-आगे नाचती- गाती बयार चली,
दरवाजे खिड़कियाँ खुलने लगी गली गली।
पाहुन ज्यों आए हो, गाँव में शहर के।
मेघ आए बड़े बन ठन के सँवर के।
पेड़ झुक झाँकने लगे, गरदन अचकाए,
आँधी चली धूलभागी घाघरा उठाए,
बाँकी चितवन उठा, नदी ठिठकी, घूँघट सरके।
मेघ आए बड़े बन ठन के सँवर के ।।
बूढ़े पीपल ने आगे बढ़कर जुहार की,
बरस बाद सुधि लीन्हीं -
बोली अकुलाई लता ओट हो किवार की,
हरसाय ताल हवाया, पानी परात भर के।
मेघ आर बड़े बन ठन के संवर के।।
प्रश्न: किस ऋतु के आगमन पर आसमान में मेघ सजधज कर उपस्थित हो जाते हैं-
(A) शरद ऋतु
(B) शिशिर ऋतु
(C) वर्षा ऋतु
(D) शीत ऋतु
(17.) Passage:
निर्देशः काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नो के सबसे उचित उत्तर वाले विकल्प का चयन कीजिए-
मेघ आए बड़े बन ठन के सँवर के।
आगे-आगे नाचती- गाती बयार चली,
दरवाजे खिड़कियाँ खुलने लगी गली गली।
पाहुन ज्यों आए हो, गाँव में शहर के।
मेघ आए बड़े बन ठन के सँवर के।
पेड़ झुक झाँकने लगे, गरदन अचकाए,
आँधी चली धूलभागी घाघरा उठाए,
बाँकी चितवन उठा, नदी ठिठकी, घूँघट सरके।
मेघ आए बड़े बन ठन के सँवर के ।।
बूढ़े पीपल ने आगे बढ़कर जुहार की,
बरस बाद सुधि लीन्हीं -
बोली अकुलाई लता ओट हो किवार की,
हरसाय ताल हवाया, पानी परात भर के।
मेघ आर बड़े बन ठन के संवर के।।
प्रश्न: बादलों के आगे-आगे खुशी से गीत गाती हुई कौन चलने लगी?
(A) अप्सरा
(B) वायु
(C) सुगंधि
(D) चिड़ियाँ
(18.) Passage:
निर्देशः काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नो के सबसे उचित उत्तर वाले विकल्प का चयन कीजिए-
मेघ आए बड़े बन ठन के सँवर के।
आगे-आगे नाचती- गाती बयार चली,
दरवाजे खिड़कियाँ खुलने लगी गली गली।
पाहुन ज्यों आए हो, गाँव में शहर के।
मेघ आए बड़े बन ठन के सँवर के।
पेड़ झुक झाँकने लगे, गरदन अचकाए,
आँधी चली धूलभागी घाघरा उठाए,
बाँकी चितवन उठा, नदी ठिठकी, घूँघट सरके।
मेघ आए बड़े बन ठन के सँवर के ।।
बूढ़े पीपल ने आगे बढ़कर जुहार की,
बरस बाद सुधि लीन्हीं -
बोली अकुलाई लता ओट हो किवार की,
हरसाय ताल हवाया, पानी परात भर के।
मेघ आर बड़े बन ठन के संवर के।।
प्रश्न: बारिश के बादलों के आगमन पर उनका अभिवादन करने के लिए कौन आगे बढ़ा -
(A) पक्षीगण
(B) मयूर की युवती मोरनी
(C) कोयल का समूह
(D) पीपल का बूढ़ा वृक्ष
(19.) Passage:
निर्देशः काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नो के सबसे उचित उत्तर वाले विकल्प का चयन कीजिए-
मेघ आए बड़े बन ठन के सँवर के।
आगे-आगे नाचती- गाती बयार चली,
दरवाजे खिड़कियाँ खुलने लगी गली गली।
पाहुन ज्यों आए हो, गाँव में शहर के।
मेघ आए बड़े बन ठन के सँवर के।
पेड़ झुक झाँकने लगे, गरदन अचकाए,
आँधी चली धूलभागी घाघरा उठाए,
बाँकी चितवन उठा, नदी ठिठकी, घूँघट सरके।
मेघ आए बड़े बन ठन के सँवर के ।।
बूढ़े पीपल ने आगे बढ़कर जुहार की,
बरस बाद सुधि लीन्हीं -
बोली अकुलाई लता ओट हो किवार की,
हरसाय ताल हवाया, पानी परात भर के।
मेघ आर बड़े बन ठन के संवर के।।
प्रश्न: "जुहार" से कवि का आशय है --
(A) प्रशंसा
(B) प्रणाम या अभिवादन
(C) क्षमा माँगना
(D) गुलामी करना
(20.) Passage:
निर्देशः काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नो के सबसे उचित उत्तर वाले विकल्प का चयन कीजिए-
मेघ आए बड़े बन ठन के सँवर के।
आगे-आगे नाचती- गाती बयार चली,
दरवाजे खिड़कियाँ खुलने लगी गली गली।
पाहुन ज्यों आए हो, गाँव में शहर के।
मेघ आए बड़े बन ठन के सँवर के।
पेड़ झुक झाँकने लगे, गरदन अचकाए,
आँधी चली धूलभागी घाघरा उठाए,
बाँकी चितवन उठा, नदी ठिठकी, घूँघट सरके।
मेघ आए बड़े बन ठन के सँवर के ।।
बूढ़े पीपल ने आगे बढ़कर जुहार की,
बरस बाद सुधि लीन्हीं -
बोली अकुलाई लता ओट हो किवार की,
हरसाय ताल हवाया, पानी परात भर के।
मेघ आर बड़े बन ठन के संवर के।।
प्रश्न: प्रस्तुत कविता में पेड़ किसका प्रतीक है?
(A) अल्हड़ बालिका का
(B) गाँव की नवविवाहिता का
(C) घर के नवयुवक का
(D) गाँव के आम व्यक्ति का
(21.) Passage:
निर्देशः काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नो के सबसे उचित उत्तर वाले विकल्प का चयन कीजिए-
मेघ आए बड़े बन ठन के सँवर के।
आगे-आगे नाचती- गाती बयार चली,
दरवाजे खिड़कियाँ खुलने लगी गली गली।
पाहुन ज्यों आए हो, गाँव में शहर के।
मेघ आए बड़े बन ठन के सँवर के।
पेड़ झुक झाँकने लगे, गरदन अचकाए,
आँधी चली धूलभागी घाघरा उठाए,
बाँकी चितवन उठा, नदी ठिठकी, घूँघट सरके।
मेघ आए बड़े बन ठन के सँवर के ।।
बूढ़े पीपल ने आगे बढ़कर जुहार की,
बरस बाद सुधि लीन्हीं -
बोली अकुलाई लता ओट हो किवार की,
हरसाय ताल हवाया, पानी परात भर के।
मेघ आर बड़े बन ठन के संवर के।।
प्रश्न: "मेघ आए बड़े बन ठन के" में विशेषण है
(A) मेघ
(B) बन - ठन
(C) के
(D) आए
(22.) Passage:
निर्देशः काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नो के सबसे उचित उत्तर वाले विकल्प का चयन कीजिए-
मेघ आए बड़े बन ठन के सँवर के।
आगे-आगे नाचती- गाती बयार चली,
दरवाजे खिड़कियाँ खुलने लगी गली गली।
पाहुन ज्यों आए हो, गाँव में शहर के।
मेघ आए बड़े बन ठन के सँवर के।
पेड़ झुक झाँकने लगे, गरदन अचकाए,
आँधी चली धूलभागी घाघरा उठाए,
बाँकी चितवन उठा, नदी ठिठकी, घूँघट सरके।
मेघ आए बड़े बन ठन के सँवर के ।।
बूढ़े पीपल ने आगे बढ़कर जुहार की,
बरस बाद सुधि लीन्हीं -
बोली अकुलाई लता ओट हो किवार की,
हरसाय ताल हवाया, पानी परात भर के।
मेघ आर बड़े बन ठन के संवर के।।
प्रश्न: "सुधि लेना" मुहावरे का अर्थ है-
(A) खबर लेना
(B) भूला देना
(C) सूझबूझ से कार्य करना
(D) निहारना
(23.) Passage:
निर्देशः नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नो के सबसे उचित उत्तर वाले विकल्प का चयन कीजिए-
परमहंस रामकृष्ण ने साधनापूर्वक धर्म की जो अनुभूत्ति प्राप्त की थीं, स्वामी विवेकानन्द ने उनसे व्यावहारिक सिद्धांत निकाले। देश में बौद्धिकता के साथ नास्तिकता का प्रचार बढ़ता जा रहा था, किंतु रामकृष्ण को इसकी भी चिंता नहीं थी। वस्तुतः संसार से उन्हें कोई प्रयोजन नहीं था। वे आत्मानंद की खोज में थे एवं आनंद का सबसे सुगम मार्ग उन्हें यह दिखाई पड़ा था कि अपने आप को वे काली की कृपा के भरोसे छोड़ दे। उनका सारा जीवन प्रकृति के निश्छल पुत्र का जीवन था। वे अदृश्य सत्ता के हाथ में एक ऐसा यंत्र बन गए थे जिसमे कालिमा नहीं थी, मैल नहीं था, अतएव जिसके भीतर से अदृश्य अपनी लीला का चमत्कार अनायास दिखा सकता था। बहुत दिनों से हिंदुओं का विश्वास रहा है कि हृदय के पूर्ण रूप से निर्मिल हो जाने पर, मन के स्वार्थ की सारी गंध निकल जाने पर एवं चित्त में छल की छाया भी नहीं रहने पर मनुष्य की सहज वृत्ति पूर्ण रूप से जाग्रत हो जाती है। तब धर्म की अनुभूतियों उसके भीतर, आप से आप जागने लगती हैं। रामकृष्ण के जीवन में यह सत्य साकार हो उठा था। अतएव धर्म की सारी उपलब्धियाँ उन्हें अपने आप प्राप्त हो गई। उन उपलब्धियों के प्रकाश में विवेकानन्द ने भारत और समग्र विश्व की समस्याओं पर विचार किया एवं उनके जो समाधान उन्होंने उपस्थित किए, वे असल में, रामकृष्ठ के ही दिए हुए समाधान हैं। रामकृष्णा और विवेकानन्द एक ही जीवन के दो अंश, एक ही सत्य के दो पक्ष हैं।
प्रश्न: रामकृष्ण परमहंस के लिए अपनी आत्मा की खोज और आनंद का सुगम मार्ग था-
(A) हिंदुधर्म का प्रचार
(B) ईसायत का विरोध
(C) समाज सुधार के कार्य
(D) स्वयं को काली की कृपा पर छोड़ देना
(24.) Passage:
निर्देशः नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नो के सबसे उचित उत्तर वाले विकल्प का चयन कीजिए-
परमहंस रामकृष्ण ने साधनापूर्वक धर्म की जो अनुभूत्ति प्राप्त की थीं, स्वामी विवेकानन्द ने उनसे व्यावहारिक सिद्धांत निकाले। देश में बौद्धिकता के साथ नास्तिकता का प्रचार बढ़ता जा रहा था, किंतु रामकृष्ण को इसकी भी चिंता नहीं थी। वस्तुतः संसार से उन्हें कोई प्रयोजन नहीं था। वे आत्मानंद की खोज में थे एवं आनंद का सबसे सुगम मार्ग उन्हें यह दिखाई पड़ा था कि अपने आप को वे काली की कृपा के भरोसे छोड़ दे। उनका सारा जीवन प्रकृति के निश्छल पुत्र का जीवन था। वे अदृश्य सत्ता के हाथ में एक ऐसा यंत्र बन गए थे जिसमे कालिमा नहीं थी, मैल नहीं था, अतएव जिसके भीतर से अदृश्य अपनी लीला का चमत्कार अनायास दिखा सकता था। बहुत दिनों से हिंदुओं का विश्वास रहा है कि हृदय के पूर्ण रूप से निर्मिल हो जाने पर, मन के स्वार्थ की सारी गंध निकल जाने पर एवं चित्त में छल की छाया भी नहीं रहने पर मनुष्य की सहज वृत्ति पूर्ण रूप से जाग्रत हो जाती है। तब धर्म की अनुभूतियों उसके भीतर, आप से आप जागने लगती हैं। रामकृष्ण के जीवन में यह सत्य साकार हो उठा था। अतएव धर्म की सारी उपलब्धियाँ उन्हें अपने आप प्राप्त हो गई। उन उपलब्धियों के प्रकाश में विवेकानन्द ने भारत और समग्र विश्व की समस्याओं पर विचार किया एवं उनके जो समाधान उन्होंने उपस्थित किए, वे असल में, रामकृष्ठ के ही दिए हुए समाधान हैं। रामकृष्णा और विवेकानन्द एक ही जीवन के दो अंश, एक ही सत्य के दो पक्ष हैं।
प्रश्न: धर्म की अनुभूतियाँ अपने आप जगने लगती है, जब-
(A) हम संतो के बताए मार्ग पर चलते हैं
(B) मनुष्य की सहजवृत्ति जागृत होती है
(C) हम तीर्थयात्राएँ करते है
(D) काली माँ की उपासना करते हैं।
(25.) Passage:
निर्देशः नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नो के सबसे उचित उत्तर वाले विकल्प का चयन कीजिए-
परमहंस रामकृष्ण ने साधनापूर्वक धर्म की जो अनुभूत्ति प्राप्त की थीं, स्वामी विवेकानन्द ने उनसे व्यावहारिक सिद्धांत निकाले। देश में बौद्धिकता के साथ नास्तिकता का प्रचार बढ़ता जा रहा था, किंतु रामकृष्ण को इसकी भी चिंता नहीं थी। वस्तुतः संसार से उन्हें कोई प्रयोजन नहीं था। वे आत्मानंद की खोज में थे एवं आनंद का सबसे सुगम मार्ग उन्हें यह दिखाई पड़ा था कि अपने आप को वे काली की कृपा के भरोसे छोड़ दे। उनका सारा जीवन प्रकृति के निश्छल पुत्र का जीवन था। वे अदृश्य सत्ता के हाथ में एक ऐसा यंत्र बन गए थे जिसमे कालिमा नहीं थी, मैल नहीं था, अतएव जिसके भीतर से अदृश्य अपनी लीला का चमत्कार अनायास दिखा सकता था। बहुत दिनों से हिंदुओं का विश्वास रहा है कि हृदय के पूर्ण रूप से निर्मिल हो जाने पर, मन के स्वार्थ की सारी गंध निकल जाने पर एवं चित्त में छल की छाया भी नहीं रहने पर मनुष्य की सहज वृत्ति पूर्ण रूप से जाग्रत हो जाती है। तब धर्म की अनुभूतियों उसके भीतर, आप से आप जागने लगती हैं। रामकृष्ण के जीवन में यह सत्य साकार हो उठा था। अतएव धर्म की सारी उपलब्धियाँ उन्हें अपने आप प्राप्त हो गई। उन उपलब्धियों के प्रकाश में विवेकानन्द ने भारत और समग्र विश्व की समस्याओं पर विचार किया एवं उनके जो समाधान उन्होंने उपस्थित किए, वे असल में, रामकृष्ठ के ही दिए हुए समाधान हैं। रामकृष्णा और विवेकानन्द एक ही जीवन के दो अंश, एक ही सत्य के दो पक्ष हैं।
प्रश्न: गंधाश के अनुसार रामकृष्ण परमहंस और विवेकानन्द के संबंध में क्या सच नहीं हैं?
(A) रामकृष्ण की अनुभूतियों की व्यावहारिकता विवेकानंद में थी
(B) विवेकानंद के समाधान रामकृष्ण के दिए हुए थे
(C) रामकृष्ण आस्तिक थे विवेकानंद नास्तिक
(D) वे एक ही जीवन के दो अंश थे।
(26.) Passage:
निर्देशः नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नो के सबसे उचित उत्तर वाले विकल्प का चयन कीजिए-
परमहंस रामकृष्ण ने साधनापूर्वक धर्म की जो अनुभूत्ति प्राप्त की थीं, स्वामी विवेकानन्द ने उनसे व्यावहारिक सिद्धांत निकाले। देश में बौद्धिकता के साथ नास्तिकता का प्रचार बढ़ता जा रहा था, किंतु रामकृष्ण को इसकी भी चिंता नहीं थी। वस्तुतः संसार से उन्हें कोई प्रयोजन नहीं था। वे आत्मानंद की खोज में थे एवं आनंद का सबसे सुगम मार्ग उन्हें यह दिखाई पड़ा था कि अपने आप को वे काली की कृपा के भरोसे छोड़ दे। उनका सारा जीवन प्रकृति के निश्छल पुत्र का जीवन था। वे अदृश्य सत्ता के हाथ में एक ऐसा यंत्र बन गए थे जिसमे कालिमा नहीं थी, मैल नहीं था, अतएव जिसके भीतर से अदृश्य अपनी लीला का चमत्कार अनायास दिखा सकता था। बहुत दिनों से हिंदुओं का विश्वास रहा है कि हृदय के पूर्ण रूप से निर्मिल हो जाने पर, मन के स्वार्थ की सारी गंध निकल जाने पर एवं चित्त में छल की छाया भी नहीं रहने पर मनुष्य की सहज वृत्ति पूर्ण रूप से जाग्रत हो जाती है। तब धर्म की अनुभूतियों उसके भीतर, आप से आप जागने लगती हैं। रामकृष्ण के जीवन में यह सत्य साकार हो उठा था। अतएव धर्म की सारी उपलब्धियाँ उन्हें अपने आप प्राप्त हो गई। उन उपलब्धियों के प्रकाश में विवेकानन्द ने भारत और समग्र विश्व की समस्याओं पर विचार किया एवं उनके जो समाधान उन्होंने उपस्थित किए, वे असल में, रामकृष्ठ के ही दिए हुए समाधान हैं। रामकृष्णा और विवेकानन्द एक ही जीवन के दो अंश, एक ही सत्य के दो पक्ष हैं।
प्रश्न: 'नास्तिकता' में सही प्रत्यय हैं -
(A) ता
(B) इक
(C) क
(D) कता
(27.) Passage:
निर्देशः नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नो के सबसे उचित उत्तर वाले विकल्प का चयन कीजिए-
परमहंस रामकृष्ण ने साधनापूर्वक धर्म की जो अनुभूत्ति प्राप्त की थीं, स्वामी विवेकानन्द ने उनसे व्यावहारिक सिद्धांत निकाले। देश में बौद्धिकता के साथ नास्तिकता का प्रचार बढ़ता जा रहा था, किंतु रामकृष्ण को इसकी भी चिंता नहीं थी। वस्तुतः संसार से उन्हें कोई प्रयोजन नहीं था। वे आत्मानंद की खोज में थे एवं आनंद का सबसे सुगम मार्ग उन्हें यह दिखाई पड़ा था कि अपने आप को वे काली की कृपा के भरोसे छोड़ दे। उनका सारा जीवन प्रकृति के निश्छल पुत्र का जीवन था। वे अदृश्य सत्ता के हाथ में एक ऐसा यंत्र बन गए थे जिसमे कालिमा नहीं थी, मैल नहीं था, अतएव जिसके भीतर से अदृश्य अपनी लीला का चमत्कार अनायास दिखा सकता था। बहुत दिनों से हिंदुओं का विश्वास रहा है कि हृदय के पूर्ण रूप से निर्मिल हो जाने पर, मन के स्वार्थ की सारी गंध निकल जाने पर एवं चित्त में छल की छाया भी नहीं रहने पर मनुष्य की सहज वृत्ति पूर्ण रूप से जाग्रत हो जाती है। तब धर्म की अनुभूतियों उसके भीतर, आप से आप जागने लगती हैं। रामकृष्ण के जीवन में यह सत्य साकार हो उठा था। अतएव धर्म की सारी उपलब्धियाँ उन्हें अपने आप प्राप्त हो गई। उन उपलब्धियों के प्रकाश में विवेकानन्द ने भारत और समग्र विश्व की समस्याओं पर विचार किया एवं उनके जो समाधान उन्होंने उपस्थित किए, वे असल में, रामकृष्ठ के ही दिए हुए समाधान हैं। रामकृष्णा और विवेकानन्द एक ही जीवन के दो अंश, एक ही सत्य के दो पक्ष हैं।
प्रश्न: 'भरोसा' शब्द का पर्यायवाची है -
(A) ऐतबार
(B) ऐतराज
(C) एकाक्ष
(D) एकान्त
(28.) Passage:
निर्देशः नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नो के सबसे उचित उत्तर वाले विकल्प का चयन कीजिए-
परमहंस रामकृष्ण ने साधनापूर्वक धर्म की जो अनुभूत्ति प्राप्त की थीं, स्वामी विवेकानन्द ने उनसे व्यावहारिक सिद्धांत निकाले। देश में बौद्धिकता के साथ नास्तिकता का प्रचार बढ़ता जा रहा था, किंतु रामकृष्ण को इसकी भी चिंता नहीं थी। वस्तुतः संसार से उन्हें कोई प्रयोजन नहीं था। वे आत्मानंद की खोज में थे एवं आनंद का सबसे सुगम मार्ग उन्हें यह दिखाई पड़ा था कि अपने आप को वे काली की कृपा के भरोसे छोड़ दे। उनका सारा जीवन प्रकृति के निश्छल पुत्र का जीवन था। वे अदृश्य सत्ता के हाथ में एक ऐसा यंत्र बन गए थे जिसमे कालिमा नहीं थी, मैल नहीं था, अतएव जिसके भीतर से अदृश्य अपनी लीला का चमत्कार अनायास दिखा सकता था। बहुत दिनों से हिंदुओं का विश्वास रहा है कि हृदय के पूर्ण रूप से निर्मिल हो जाने पर, मन के स्वार्थ की सारी गंध निकल जाने पर एवं चित्त में छल की छाया भी नहीं रहने पर मनुष्य की सहज वृत्ति पूर्ण रूप से जाग्रत हो जाती है। तब धर्म की अनुभूतियों उसके भीतर, आप से आप जागने लगती हैं। रामकृष्ण के जीवन में यह सत्य साकार हो उठा था। अतएव धर्म की सारी उपलब्धियाँ उन्हें अपने आप प्राप्त हो गई। उन उपलब्धियों के प्रकाश में विवेकानन्द ने भारत और समग्र विश्व की समस्याओं पर विचार किया एवं उनके जो समाधान उन्होंने उपस्थित किए, वे असल में, रामकृष्ठ के ही दिए हुए समाधान हैं। रामकृष्णा और विवेकानन्द एक ही जीवन के दो अंश, एक ही सत्य के दो पक्ष हैं।
प्रश्न: 'समाधान' शब्द का विलोम है-
(A) समस्या
(B) जवाब
(C) निराकरण
(D) हल
(29.) Passage:
निर्देशः नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नो के सबसे उचित उत्तर वाले विकल्प का चयन कीजिए-
परमहंस रामकृष्ण ने साधनापूर्वक धर्म की जो अनुभूत्ति प्राप्त की थीं, स्वामी विवेकानन्द ने उनसे व्यावहारिक सिद्धांत निकाले। देश में बौद्धिकता के साथ नास्तिकता का प्रचार बढ़ता जा रहा था, किंतु रामकृष्ण को इसकी भी चिंता नहीं थी। वस्तुतः संसार से उन्हें कोई प्रयोजन नहीं था। वे आत्मानंद की खोज में थे एवं आनंद का सबसे सुगम मार्ग उन्हें यह दिखाई पड़ा था कि अपने आप को वे काली की कृपा के भरोसे छोड़ दे। उनका सारा जीवन प्रकृति के निश्छल पुत्र का जीवन था। वे अदृश्य सत्ता के हाथ में एक ऐसा यंत्र बन गए थे जिसमे कालिमा नहीं थी, मैल नहीं था, अतएव जिसके भीतर से अदृश्य अपनी लीला का चमत्कार अनायास दिखा सकता था। बहुत दिनों से हिंदुओं का विश्वास रहा है कि हृदय के पूर्ण रूप से निर्मिल हो जाने पर, मन के स्वार्थ की सारी गंध निकल जाने पर एवं चित्त में छल की छाया भी नहीं रहने पर मनुष्य की सहज वृत्ति पूर्ण रूप से जाग्रत हो जाती है। तब धर्म की अनुभूतियों उसके भीतर, आप से आप जागने लगती हैं। रामकृष्ण के जीवन में यह सत्य साकार हो उठा था। अतएव धर्म की सारी उपलब्धियाँ उन्हें अपने आप प्राप्त हो गई। उन उपलब्धियों के प्रकाश में विवेकानन्द ने भारत और समग्र विश्व की समस्याओं पर विचार किया एवं उनके जो समाधान उन्होंने उपस्थित किए, वे असल में, रामकृष्ठ के ही दिए हुए समाधान हैं। रामकृष्णा और विवेकानन्द एक ही जीवन के दो अंश, एक ही सत्य के दो पक्ष हैं।
प्रश्न: 'अतएव' शब्द का सही संधि-विच्छेद है-
(A) अति + एव
(B) अतः + एव
(C) अती + एव
(D) अत + एव
(30.) Passage:
निर्देशः नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नो के सबसे उचित उत्तर वाले विकल्प का चयन कीजिए-
परमहंस रामकृष्ण ने साधनापूर्वक धर्म की जो अनुभूत्ति प्राप्त की थीं, स्वामी विवेकानन्द ने उनसे व्यावहारिक सिद्धांत निकाले। देश में बौद्धिकता के साथ नास्तिकता का प्रचार बढ़ता जा रहा था, किंतु रामकृष्ण को इसकी भी चिंता नहीं थी। वस्तुतः संसार से उन्हें कोई प्रयोजन नहीं था। वे आत्मानंद की खोज में थे एवं आनंद का सबसे सुगम मार्ग उन्हें यह दिखाई पड़ा था कि अपने आप को वे काली की कृपा के भरोसे छोड़ दे। उनका सारा जीवन प्रकृति के निश्छल पुत्र का जीवन था। वे अदृश्य सत्ता के हाथ में एक ऐसा यंत्र बन गए थे जिसमे कालिमा नहीं थी, मैल नहीं था, अतएव जिसके भीतर से अदृश्य अपनी लीला का चमत्कार अनायास दिखा सकता था। बहुत दिनों से हिंदुओं का विश्वास रहा है कि हृदय के पूर्ण रूप से निर्मिल हो जाने पर, मन के स्वार्थ की सारी गंध निकल जाने पर एवं चित्त में छल की छाया भी नहीं रहने पर मनुष्य की सहज वृत्ति पूर्ण रूप से जाग्रत हो जाती है। तब धर्म की अनुभूतियों उसके भीतर, आप से आप जागने लगती हैं। रामकृष्ण के जीवन में यह सत्य साकार हो उठा था। अतएव धर्म की सारी उपलब्धियाँ उन्हें अपने आप प्राप्त हो गई। उन उपलब्धियों के प्रकाश में विवेकानन्द ने भारत और समग्र विश्व की समस्याओं पर विचार किया एवं उनके जो समाधान उन्होंने उपस्थित किए, वे असल में, रामकृष्ठ के ही दिए हुए समाधान हैं। रामकृष्णा और विवेकानन्द एक ही जीवन के दो अंश, एक ही सत्य के दो पक्ष हैं।
प्रश्न: गंधाश का उपयुक्त शीर्षक होगा -
(A) गुरू और चेला
(B) रामकृष्ण परमहंस और विवेकानंद
(C) आत्मानंद की खोज
(D) काली की कृपा
Previous
Save & Next
Clear Responses
Submit Exam
Questions
Total Questions (30)
1
2
3
4
5
6
7
8
9
10
11
12
13
14
15
16
17
18
19
20
21
22
23
24
25
26
27
28
29
30
Quizzes
CURRENT AFFAIRS QUIZ
DAILY CURRENT AFFAIRS
📰 Daily Current Affairs Quiz
WEEKLY CURRENT AFFAIRS
📰 Weekly Current Affairs
MONTHLY CURRENT AFFAIRS
📰 जून 2025
📰 मई 2025
📰 अप्रैल 2025
📰 मार्च 2025
📰 फरवरी 2025
📰 जनवरी 2025
📰 December 2024
YEARLY CURRENT AFFAIRS
SUBJECT WISE QUIZ
ANCIENT HISTORY (प्राचीन इतिहास)
इतिहास के स्रोत
वैदिक सभ्यता
महाजनपद काल
सिंधु घाटी सभ्यता
MEDIEVAL HISTORY (मध्यकालीन इतिहास)
गुलाम वंश
इस्लाम धर्म की उत्पत्ति
अरब एवं तुर्क आक्रमण
गजनी वंश
MODERN HISTORY (आधुनिक इतिहास)
यूरोपीय कंपनियों का आगमन
GEOGRAPHY (भूगाेल)
ब्रह्मांड और सौरमंडल
पृथ्वी की आंतरिक संरचना और प्लेट टेक्टोनिक्स
PREVIOUS YEAR QUIZ
UPSC CSE 2024
GS Paper I
MPESB AG3 GROUP 4 2023
MPESB AG3 GROUP 4, 2023
MPTET VARG 1,2,3 QUIZ
MPTET VARG 3 QUIZ
ENGLISH
Noun
IMPROVE SENTENCE
CPCT EXAM QUIZ
COMPUTER QUIZ
Types of Computer
Hardware and Software
MPESB AG3 GROUP 4
MPGK
म.प्र. के पुरस्कार
म.प्र. के किले
म.प्र. की नदियां
प्रसिद्ध ज़िले और उनकी खासियतें
म.प्र. के खनिज व खदानें
ENGLISH (AG3)
ANTONYMS
SYNONYMS