
2025-01-18
हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से 10 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में 65 लाख स्वामित्व संपत्ति कार्ड वितरित किए। इस कार्यक्रम में 12 राज्यों के 50,000 से अधिक गांवों ने भाग लिया। स्वामित्व योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों की जमीनों की मैपिंग और मालिकों का रिकॉर्ड तैयार किया जाता है। यह कदम ग्रामीण संपत्तियों की पहचान और मालिकाना हक सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभा रहा है।
स्वामित्व योजना: एक परिचय
स्वामित्व योजना का पूरा नाम "सर्वे ऑफ विलेजेस एंड मैपिंग विद इम्प्रोवाइज्ड टेक्नोलॉजी इन विलेजेस एरिया" है। इसे 24 अप्रैल 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया था। यह योजना ड्रोन तकनीक का उपयोग करके गांवों की भूमि की मैपिंग करती है और मालिकाना अधिकार प्रदान करने के लिए संपत्ति कार्ड जारी करती है।
योजना की मुख्य विशेषताएं
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में योजना का विस्तार
स्थिति |
विवरण |
शामिल राज्य और केंद्र शासित प्रदेश |
31 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल हो चुके हैं। |
लागू नहीं करने वाले राज्य |
पश्चिम बंगाल, बिहार, नागालैंड, मेघालय। |
पूरी तरह लागू राज्य |
त्रिपुरा, गोवा, उत्तराखंड, हरियाणा। |
योजना की प्रगति
स्वामित्व योजना से 10 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के लाखों ग्रामीण लाभान्वित हुए हैं। यह योजना न केवल संपत्ति विवादों को कम करने में मददगार है बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में भी योगदान दे रही है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 65 लाख स्वामित्व संपत्ति कार्ड वितरित करना ग्रामीण भारत के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि प्रबंधन को बेहतर बनाने और संपत्ति अधिकारों को सुनिश्चित करने में सहायक साबित हो रही है।
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