
2025-01-22
22 जनवरी 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) को अगले 5 सालों के लिए जारी रखने की मंजूरी दी। इस निर्णय के बाद, यह मिशन 2025 से 2030 तक जनता के स्वास्थ्य के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को और मजबूत करेगा। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कैबिनेट के इस फैसले की जानकारी दी और बताया कि यह कदम स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के साथ-साथ जनता को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने की दिशा में महत्वपूर्ण होगा।
नेशनल हेल्थ मिशन का इतिहास और उद्देश्य:
नेशनल हेल्थ मिशन को पहले राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM) और राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन (NUHM) को मिलाकर 2013 में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य देशभर में पब्लिक हेल्थ सर्विसेज को सुधारना और सभी लोगों तक सस्ती तथा गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना था।
COVID-19 के दौरान योगदान:
COVID-19 महामारी के दौरान, 2021 और 2022 के बीच 12 लाख से अधिक स्वास्थ्यकर्मी नेशनल हेल्थ मिशन से जुड़े और उन्होंने कोरोना संकट के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह मिशन देश के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने और भविष्य में आने वाली स्वास्थ्य आपदाओं से निपटने के लिए तैयार करने में भी सहायक होगा।
अन्य महत्वपूर्ण निर्णय:
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रॉ जूट की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में 6% की बढ़ोतरी का भी निर्णय लिया। इसके तहत अब जूट का कच्चा माल 5650 रुपये प्रति क्विंटल में खरीदा जाएगा। यह निर्णय किसानों को लाभ पहुंचाने के साथ-साथ जूट उद्योग को भी बढ़ावा देगा।
पीएम मोदी की कैबिनेट का दूसरा बड़ा फैसला:
मोदी कैबिनेट की यह बैठक इस महीने की दूसरी बड़ी बैठक थी। इससे पहले सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी थी, जो सरकारी कर्मचारियों के वेतन और भत्तों में सुधार करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
नेशनल हेल्थ मिशन के मुख्य बिंदु:
केंद्रीय कैबिनेट के फैसलों का सारांश:
फैसला |
विवरण |
नेशनल हेल्थ मिशन की मंजूरी |
अगले 5 सालों के लिए NHM को जारी रखने की मंजूरी। |
COVID-19 में योगदान |
12 लाख से अधिक स्वास्थ्यकर्मी ने इस मिशन से जुड़े। |
रॉ जूट MSP में बढ़ोतरी |
जूट का कच्चा माल 5650 रुपये प्रति क्विंटल में खरीदा जाएगा। |
8वें वेतन आयोग का गठन |
सरकारी कर्मचारियों के वेतन और भत्तों में सुधार। |
निष्कर्ष:
नेशनल हेल्थ मिशन की पांच सालों के लिए जारी रहने की मंजूरी स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत सरकार की महत्वपूर्ण पहल है, जो स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने, लोगों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण सेवाएं मुहैया कराने और देश के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम है। साथ ही, जूट उद्योग और सरकारी कर्मचारियों के लिए किए गए अन्य फैसले भी देश की आर्थिक और सामाजिक भलाई में योगदान देंगे।
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